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Developing Loan Markets

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Developing Loan Markets एक सटीक और व्यावसायिक दृष्टिकोण से लिखी गई पुस्तक है, जो उभरते लोन बाजारों के विकास, ढांचे और वैश्विक फाइनेंशियल प्रणाली में उनकी भूमिका पर गहराई से प्रकाश डालती है।

यह पुस्तक नीतिगत निर्णयकर्ताओं, फाइनेंशियल एनालिस्ट्स और बैंकिंग प्रोफेशनल्स के लिए अत्यंत उपयोगी है।

मुख्य विशेषताएं:

  • लोन बाजार के विकास पर शोध-आधारित विश्लेषण

  • इंटरनेशनल केस स्टडीज का समावेश

  • नीतिगत सुझाव और सुधार उपाय

  • बैंकिंग सिस्टम के लिए रोडमैप

 

Category:

“Developing Loan Markets” एक उच्च गुणवत्ता वाली विश्लेषणात्मक पुस्तक है, जो वैश्विक और स्थानीय स्तर पर लोन बाजारों के निर्माण, प्रगति और संचालन की विस्तृत समझ प्रदान करती है। पुस्तक का मुख्य फोकस है — कैसे विकासशील देशों में ऋण बाजार को मज़बूत और संरचित किया जा सकता है ताकि वित्तीय समावेशन, आर्थिक विकास और कॉरपोरेट फाइनेंस में स्थिरता लाई जा सके।

इस पुस्तक में कई महत्वपूर्ण विषयों को विस्तार से समझाया गया है, जैसे:

  • ऋण प्रथाओं का वैश्विक इतिहास

  • द्वितीयक ऋण बाजार की संरचना

  • बैंकों और वित्तीय संस्थाओं की भूमिका

  • क्रेडिट रेटिंग्स, जोखिम प्रबंधन और कॉर्पोरेट गवर्नेंस

  • उभरते बाजारों में लोन मार्केट के अवसर और चुनौतियाँ

पुस्तक एक अकादमिक दृष्टिकोण के साथ-साथ व्यावसायिक उपयोगकर्ताओं के लिए भी उपयोगी है, क्योंकि इसमें पॉलिसी फ्रेमवर्क, केस स्टडीज़ और इंटरनेशनल बेस्ट प्रैक्टिसेस को शामिल किया गया है।

यह पुस्तक किनके लिए है?

  • फाइनेंस और बैंकिंग के छात्र

  • नीति निर्माताओं (Policy Makers)

  • ऋण संस्थानों के विश्लेषक

  • अर्थशास्त्री और रिसर्च स्कॉलर्स

  • वर्ल्ड बैंक, IMF और अंतरराष्ट्रीय वित्त संगठनों में काम करने वाले पेशेवर

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