यह पहला पुस्तक है जिसे 15.09.2023 तक बैंकर्स और ऋणदाताओं के लिए अपडेट किया गया है, जो कि बैंक ऋण की निगरानी और वसूली पर बहुत ही सरल भाषा में लिखा गया है, जिसमें लगभग सभी बैंकों के अधिकारियों द्वारा सामना की जाने वाली विभिन्न समस्याओं को कवर किया गया है, जिसके कारण उचित परिश्रम (ड्यू डिलिजेंस) में कमी आ रही है।
बैंकों में एनपीए (Non-Performing Assets) में बढ़ोतरी की रिपोर्ट कमजोर मूल्यांकन और विभिन्न स्तरों पर कमजोर निगरानी का परिणाम है, जिसके कारण ऋण देने वाली संस्थाओं को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। निगरानी उस दिन से शुरू होती है जब शाखा स्तर पर प्रस्ताव को स्वीकृति के लिए प्राप्त किया जाता है और यह तब तक जारी रहती है जब तक खाता बंद नहीं हो जाता।
इस पुस्तक ने सभी प्रकार के उधार खातों की निगरानी की तकनीक को समझने के लिए प्री-सैंक्शन, दस्तावेजीकरण, वितरण, संचालन, नवीकरण, वृद्धि, एसएमए (SMA), आरएफए (RFA), एनपीए (NPA) और लोक अदालत, सार्फ़ेसी (SERFAESI), डीआरटी (DRT), निपटान/समझौता और आईबीसी (IBC) के माध्यम से वसूली जैसे विभिन्न चरणों को कवर किया है।
हमें विश्वास है कि यह पुस्तक सभी ऋण अधिकारियों/बैंकों, एनबीएफसी या अन्य ऋणदाता संस्थानों में काम कर रहे वरिष्ठ अधिकारियों के लिए एक बाइबल साबित होगी।
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