हेल्लो दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल में होम लोन एलिजिबिलिटी के बारे में विस्तार से बताने वाले है।जिसमे होम लोन की ब्याज दरे,होम लोन के लिए शर्ते क्या होगी,कोई टैक्स लाभ मिलेगा की नहीं,और होम लोन के लिए कैसे अप्लाई करें।इन सभी टॉपिक के बारे में जानने के लिए हमारा यह आर्टिकल पूरा पढ़े।
दोस्तों किसी को भी होम लोन लेने से पहले यह जानना जरुरी है की वह ग्राहक होम लोन लेने के लिए योग्य है की नहीं?? हमारे इस आर्टिकल को पढ़कर आप जान पायेंगे की आप होम लोन लेने के लिए एलिजिबल है या नहीं।अगर आप योग्य है तो आपको पता चल जाएगा की आपको होम लोन मिलेगी की नहीं।और मिलेगी तो कितनी मिलेगी।
हमने यहाँ भारत देश के बेस्ट बेंको और लोन देने वाले संस्थानों की लोंन लेने की योग्यता,शर्तो का लिस्ट बनाया है।उसके साथ ही साथ यह भी बताया है की होम लोन लेने के लिए योग्य कैसे बने।तो चलिए बिना देरी किये जानते है की होम लोन की योग्यता शर्ते कौनसी है।
Rcxloan.com पर, आप टॉप बैंकों और HFC द्वारा दी जाने वाली होम लोन की ब्याज दरों और अन्य सुविधाओं की तुलना कर सकते हैं,और सभी जानकारी जानकार अपने लिए सबसे बेहतर होम लोन चुन सकते हैं और होम लोन लेने के लिए अपनी योग्यता को बढ़ा सकते हो।
भारत में मुख्य बैंकों/होम लोन संस्थानों(HFC) की योग्यता शर्तें
बैंक/ लोन संस्थान | ब्याज दरें (प्रति वर्ष) | उम्र | अवधि |
एक्सिस बैंक | 8.60% – 12.70% | 30 साल | 21-65 वर्ष |
एसबीआई | 8.45% – 10.20% | 30 साल | 18-70 वर्ष |
यूको बैंक | 8.40% – 8.60% | 20 साल | 21-65 वर्ष |
आईसीआईसीआई बैंक | 8.40% – 9.50% | 30 साल | 21-65 वर्ष |
एचडीएफसी बैंक | 8.40% – 10.35% | 30 साल | 21-65 वर्ष |
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक | 8.45% से शुरू | 20 साल | 21-65 वर्ष |
फेडरल बैंक | 8.37% – 9.70% | 20 साल | 21-65 वर्ष |
कोटक महिंद्रा बैंक | 8.30% से शुरू | 20 साल | 18-65 वर्ष |
यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया | 8.25% – 10.35% | 30 साल | 18-75 वर्ष |
बैंक ऑफ़ बडौदा | 8.45% – 10.20 | 30 साल | 21-70 वर्ष |
पंजाब नेशनल बैंक | 8.20% – 8.90% | 30 साल | 18-70 वर्ष |
केनरा बैंक | 8.55% – 13.35% | 20 साल | 21-65 वर्ष |
इंडियन बैंक | 8.40% – 9.45% | 20 साल | 21-65 वर्ष |
बैंक ऑफ़ इंडिया | 8.30%-10.25% | 30 साल | 18-70 वर्ष |
बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र | 8.00%-10.45% | 20 साल | 21-65 वर्ष |
इंडियन ओवरसीज बैंक | 8.50% – 10.55% | 20 साल | 21-70 वर्ष |
पंजाब एंड सिंध बैंक | 8.25% – 9.35% | 20 साल | 18-65 वर्ष |
कर्णाटक बैंक | 8.24% – 9.59% | 21-65 वर्ष | |
आरबीएल बैंक | 9.70% – 13.00% | 21-65 वर्ष | |
साउथ इंडियन बैंक | 9.25% – 12.00% | 18-70 वर्ष | |
धनलक्ष्मी बैंक | 8.60% – 9.75% | 21-65 वर्ष | |
करूर वैश्य बैंक | 8.05% – 10.25% | 18-65 वर्ष | |
बंधन बैंक | 8.30% – 14.00% | 21-70 वर्ष | |
तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक | 8.30% से शुरू | 21-65 वर्ष | |
स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक | 7.55% से शुरू | 18-65 वर्ष |
कृपिया ध्यान दे : टेबल में दिए गए आंकड़े बेंक या संस्थान द्वारा चेंज होते रहते है।इस टेबल में अंतिम अपडेट जनवरी 2023 को किया गया है।
होम लोन एलिजिबिलिटी कैसे निर्धारित होती हैं?
आवेदक की आयु: दोस्तों देखा जाए तो होम लोन के आवेदन करने के लिए कम से कम आयु 18 साल होती है।और होम लोन की मैच्योरिटी के वक्त ज्यादा से ज्यादा आयु 70 साल की होती है।होम लोन के भुगतान की अवधि ज्यादा से ज्यादा 30 साल तक की होती है।
दोस्तों ज्यादातर बेंक या लोन देने वाली कंपनिया जो आवेदक है उसकी रिटायरमेंट की उम्र को लों की अवधि के रूप में लेते है।इसलिए देखा जाए तो यदि आप युवा है तो आप लम्बी अवधि की होम लोन ले सकते है।आपकी लम्बी अवधि की होम लोन लेने की संभावना ज्यादा हो जाती है।
क्रेडिट रिपोर्ट/ सिबिल स्कोर: दोस्तों आवेदक का यदि 750 का सिबिल स्कोर है तो कोई भी बेंक या लोन देने वाली कंपनिया उस ग्राहक को होम लोन देना सबसे पहले पसंद करेगी।और यदि आवेदक का सिबिल स्कोर/ क्रेडिट रिपोर्ट अच्छा है तो उसे कम ब्याज पर भी होम लोन मिल सकता है।
दोस्तों अब आप समज ही गए होंगे की फाइनेंस में सिबिल स्कोर कितना महत्वपूर्ण है,इसलिए हमें अपने सिबिल स्कोर को समय समय पर चेक करते रहना चाहिए।
संपत्ति: जब आप होम लोन के लिए आवेदन करते है उसके बाद बैंक/ लोन संस्थान आपकी प्रॉपर्टी की मुलाकाल लेते है।और आपकी प्रॉपर्टी या बिल्डिंग की विशेषताओ को जांचते है।और आपकी प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू क्या है,और भविष्य में क्या वैल्यू रहेगी।वो सब पता लगाकर यह सुनिश्चित करते है की आवेदक को प्रॉपर्टी के मुताबिक़ कितनी लों की रकम प्रदान कर सकते है।
दोस्तों RBI के नियमो अनुसार कोई भी बैंक/ लोन संस्थान आवेदक की प्रॉपर्टी वैल्यू का 90% से ज्यादा लोन की रकम नहीं पास करते मतलब यदि आपकी प्रॉपर्टी की वैल्यू 1 लाख है तो आपको 90 हजार से ज्यादा होम लोन नहीं मिल सकती।
यदि नया घर खरीदते समय आपकी लोन 90% से कम पास होती है तो निश्चित तौर पर आपको डाउनपेमेंट में कुछ राशि देनी पड़ेगी।
दोस्तों यदि आप डाउनपेमेंट ज्यादा भरते है तो आपकी होम लोन राशि कम हो जायेगी और लोन-टू-वैल्यू रेश्यो भी कम हो जाएगा।जिससे होगा यु की आवेदक की लोन लेने की एलिजिबिलिटी बढ़ जायेगी और आपको जल्द से जल्द लोन मिल जाएगा।
भुगतान क्षमता : जो आवेदक अपनी मंथली इनकम का 50%(पहले ली हुयी लोन के emi और नयी लोन की emi को मिलाकर) की रकम इएमआई भुगतान में खर्च करता है ऐसे आवेदकों को बैंक/ लोन संस्थान लोन देना ज्यादा पसंद करती है।
ईएमआई भुगतान की क्षमता को बढाने के लिए या तो आप अपनी इनकम का 50% की रकम सेट कराले।या तो लम्बी अवधि की लोन लेने से emi कम हो जायेगी और आपकी ईएमआई भुगतान की क्षमता में सुधार हो जाएगा।
आय और रोज़गार : यदि आवेदक की महीने की आय इनकम ज्यादा है तो बैंक को लगता है की यह ग्राहक आसानी से ईएमआई भुगतान कर देगा।इसलिए बिना सोचे बैंक/ लोन संस्थान उस आवेदक को लोन दे देते है।
देखा जाए तो जो लोग नौकरीपेशा लोगो को कम ब्याज पर अधिक लोन मिल जाती है।क्योकि उनकी इनकम स्थिर होती है। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के कर्मचारीओ, प्रतिष्ठित कॉरपोरेट्स के कर्मचारीओ और केंद्र/राज्य सरकारों के कर्मचारीओ को बैंक/ लोन संस्थानो द्वारा कम ब्याज पर लोन के ऑफर दिए जाते है।
यदि आप बिजनेस करते है तो यदि आपका बिजनेस 3 सालो से अच्छा चल रहा हो तो आपको भी बैंक/ लोन संस्थानो द्वारा कम ब्याज पर लोन के ऑफर दिए जाते है।इस लिए दोस्तों आपकी आय और रोजगार भी होम लोन एलिजिबिलिटी निर्धारित करने वाले कारक माने जाते है।
होम लोन लेने के लिए अपनी योग्यता कैसे बढ़ाएं
दोस्तों यदि आपका सिबिल स्कोर कम हो गया है और आपको कही से लोन नहीं मिल रही है तो हमारे बताये गए कुछ तरीको को अपना कर आप होम लोन लेने की योग्यता को बढ़ा सकते है।चलिए जान लेते है कैसे अपनी योग्यता को बढाए।
जॉइंट होम लोन लेना पसंद करे
यदि आपका क्रेडिट स्कोर कम है या फिर डेट-टू-इनकम रेश्यो ज्यादा है तो,या फिर महीने की आमदनी कम है तो फिर आपका लोन बैंक रिजेक्ट करता है।रिजेक्शन से बचने के लिए आप अपने परिवार के कोई अन्य सदस्य के साथ जॉइंट होम लोन ले सकते है।
उस सदस्य का क्रेडिट स्कोर अच्छा होगा,और उस की बैंक के लेवड-देवड की हिस्ट्री बैंक को अच्छी लगेगी तब आपको जॉइंट में होम लोन मिल जाएगा।जॉइंट होम लोन लेने से आपकी भी लोन लेने की योग्यता बढ़ेगी।दोस्तों एक बात का ध्यान रखे की यदि होम लोन लेने में आपके घर का सदस्य महिला है।तो फिर बैंक आपको कम ब्याज पर भी होम लोन ऑफर कर सकता है।
750 या उससे ज्यादा अपना सिबिल स्कोर बनाए रखिये
दोस्तों यदि आपका सिबिल स्कोर 750 से अधिक है तो आपको जल्द से जल्द लोन मिल जायेगी।और ब्याजदर में भी रियायत बैंक द्वारा मिल सकती है।यदि आपका सिबल स्कोर कम है तो उसको बढाने के लिए या तो आप अपने क्रेडिट कार्ड और जो भी emi चल रहे है उसको नियमित रूप से समय पर भरना चालू करे।
और क्रेडिट यूटिलाइज़ेशन रेश्यो को 30% तक बनाए रखे।आप चाहे तो क्रेडिट स्कोर को बढाने के लिए सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड भी ले सकते है।जिससे होगा यु की आपका क्रेडिट स्कोर 750 से ज्यादा हो जायेगा।
आय के अतिरिक्त स्रोत घोषित करें
होम लोन लेने के लिए यदि जरुरत पड़े तो आपके आय के अतिरिक्त स्रोत घोषित कर देने चाहिए।क्युकी इससे आपको होम लोन लेने में मदद मिलेगी।आपका साइड बिजनेस हो तो उसकी इनकम,या फिर कोई रेंट की इनकम होती हो तो वो भी घोषित कर देनी चाहिए।
मॉर्गेज गारंटर का लाभ उठा सकते है
दोस्तों यदि आपकी होम लोन लेने के लिए योग्यता कम है तो फिर इसका सोल्लुतिओं भी हम आपको बता रहे है।अपने भारत देश में इंडिया मॉर्गेज गारंटी कॉरपोरेशन (आईएमजीसी) उन्होंने बैंक/लोन देने वाले संस्थानो के साथ मिलकर एक करार किया हुआ है है।जिसमे यह लोग कम योग्यता वाले लोगो को होम लोन देते है।
बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों इन करार के मुताबिक़ लोन दे देते है क्यों की उनको इंडिया मॉर्गेज गारंटी कॉरपोरेशन (आईएमजीसी) द्वारा करार के आधारित गारंटी मिल जाती है।और बांको को पैसा जाने का कोई रिस्क भी नहीं रहता।और ग्राहक को भी राहत मिलती है।
इसलिए यदि आपको कम योग्यता के कारण कही से होम लोन नहीं मिल रही है तो आपको मॉर्गेज गारंटर का लाभ उठा उठा लेना चाहिए।
स्टेप-अप लोन ऑफर का लाभ उठाये
दोस्तों यदि आपका बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनि यदि स्टेप-अप लोन ऑफर करती है तो आपको इस लोन को ले लेना चाहिए।
स्टेप-अप लोन ऑफर में ऐसा होता है की बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनि स्टेप-अप लोन ऑफर में शुरूआती सालो में कम emi पर लोन देती है।और आगे जाकर थोड़ा थोड़ा emi बढ़ाती है।
इस से यह लाभ होगा की यदि आपकी अभी जॉब लगी है या फिर आपका करियर अभी शुरू हुआ है तो शुरूआत में आपको कम emi देनी होगी।और आगे जाकर आपकी सैलरी बढ़ेगी तब ज्यादा emi देनी होगी। दोतो यह भी समज ले की स्टेप-अप लोन में इंटरेस्ट आउटगो ज्यादा रहता है।
भूतकाल में ली हुयी कोई भी लोन को भर दे
यदि आपने पहले कभी भी लोन ली हुयी हो और उस लोन का emi का भुगतान,या फिर बाउंस चार्ज या अन्य कोई चार्ज का भुगतान है तो वो तुरंत ही भर दे अन्यथा आपको होम लोन लेने में मुश्केली आ सकती है।
- होम लोन लेने के दौरान जॉब चेंज करना अवॉयड करे क्युकी इससे भी होम लोन लेने में दिक्कत आ सकती है।
- यदि आप ज्यादा डाउनपेमेंट भरते है तो आपको जल्द ही होम लोन मिल सकता है।
- हमेशा ज्यादा हप्ते वाली होम लोन लेना पसंद करे क्युकी इससे emi भी कम आयेगा।और आप बड़े आसानी से होम लोन चुका पायेंगे।
नौकरीपेशा/ प्रोफेशनल्स लोग होम लोन लेने के लिए योग्यता बैंक द्वारा कैसे तय की जाती है?
जब आप होम लोन के लिए आवेदन करते है तब बैंक आपकी emi भुगतान की क्षमता,क्रेडिट स्कोर,आपकी उम्र,आपकी नौकरी सरकारी है या प्राइवेट,आप कहा काम करते है वो लोकेशन को देखकर बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनि तय करती है की आपको लोन देनी चाहिए या नहीं।
गैर–नौकरीपेशा /नॉन प्रोफेशनल्स लोग होम लोन लेने के लिए योग्यता बैंक द्वारा कैसे तय की जाती है?
जब आप होम लोन के लिए आवेदन करते है तब बैंक आपकी सिबिल स्कोर,आपकी इनकम,आपकी उम्र,आपका बिजनेस कौनसा है,टर्नओवर कितना है,आपकी प्रॉपर्टी की लोकेशन क्या है।इन सभी को देखकर देखकर बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनि तय करती है की आपको लोन देनी चाहिए या नहीं।
क्या होम लोन के आवेदन के दौरान सह–आवेदक को जोड़ना अनिवार्य है?
यदि आपकी प्रॉपर्टी में नाम एक से ज्यादा है तो आपको होम लोन लेते समय उन सभी लोगो को सह आवेदक के रूप में जोड़ना चाहिए।
आपने क्या सिखा ??(Conclusion)
तो दोस्तों हमारा ये इन्फर्मेशनल लेख होम लोन एलिजिबिलिटी कैसे बढ़ाये (Home Loan Eligibility In Hindi) कैसा लगा।अगर आपको लगता है की इस लेख होम लोन कैसे ले सकते हैं (Home Loan Kaise Milega) और होम लोन एलिजिबिलिटी कैसे निर्धारित होती हैं में कुछ सुधार करने की जरुरत है,तो आप हमें कमेन्ट बॉक्स में टिपण्णी कर सकते है।
हमारी हमेशा यही कोशिश रहती है कम इंटरेस्ट रेट पर लोन कैसे मिलेगा (Home Loan on Low Interest rates) और Online Apply के बारे में,हमारे पाठको को कुछ यूनिक जानकारी दी जाए।और पाठक को एक ही ब्लॉग पोस्ट में जो वो चाहता हो.उस विषय के सम्बंधित सारी जानकारी पढ़ने को मिले।इस से होगा ये की पाठक को कोई दुसरे ब्लॉग की पोस्ट पढ़ने की जरुरत ही नहीं रहेगी।जिससे पाठक का समय बचेगा।
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