Cryptocurrency क्या है और कैसे काम करता है ? जानते है आसान भाषा में क्रिप्टोकरेंसी को हिंदी में

Cryptocurrency – आजकल आपलोग बहोत सुनते होंगे क्रिप्टोकरेंसी के बारे में और ये भी बिचार आता होगा मन में की क्रिप्टोकरेंसी आखिर ये चीज क्या है और ये सेफ भी है या नहीं कही हम ख़रीदे क्रिप्टोकरेंसी और बेचने के समय कोई खरीदार ही न मिले तो ये सब आज हम बहुत ही बिस्तार में पढ़ेंगे।

क्रिप्टोकरेंसी क्या होती है ?

यहाँ हम बता दे आपको की Cryptocurrency जो शब्द है वो शब्दों से मिलकर बना है. पहला Crypto जोकि लैटिन भाषा का शब्द है जो cryptography से बना है और जिसका मतलब होता है, छुपा हुआ/हुई और जो दूसरा शब्द है वो है Currency जो आप अच्छी तरह जानते है यानि की रुपये-पैसे।

तो इस प्रकार क्रिप्टोकरेंसी का मतलब हुआ ऐसा पैसा जो छुपा हुआ होता है या डिजिटल रूप में होता है आमतौर पर क्रिप्टोकरेंसी एक तरह का डिजिटल पैसा है, जिसे आप छू तो नहीं सकते, लेकिन रख सकते हैं. यानी यह मुद्रा का एक डिजिटल रूप है. यह किसी सिक्के या नोट की तरह ठोस रूप में आपकी जेब में नहीं होता है. यह पूरी तरह से ऑनलाइन होता है.

उत्पति कैसे हुई क्रिप्टोकरेंसी की?

ऐसा मन जाता है की क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत सतोशी नाकामोतो द्वारा हुआ था और वो साल था 2009 ।

क्रिप्टोकोर्रेंसी काम कैसे करता है ?

हम बताते चले की कुछ समय से या कहे तो कुछ सालो से क्रिप्टोकरेंसी मुद्राओं की लोकप्रियता में इजाफा हुआ है। इसे ब्लॉकचेन सॉफ़्टवेयर के ज़रिए प्रयोग किया जाता है। ये इनक्रिप्टेड यानी कोडेड होती हैं और इसे एक डिसेंट्रेलाइज्ड सिस्टम के जरिए मैनेज किया जाता है. इसमें प्रत्येक लेन-देन का डिजिटल सिग्नेचर द्वारा वेरिफिकेशन होता है. इसका रिकॉर्ड क्रिप्टोग्राफी की मदद से रखा जाता है. इसके जरिए खरीदी को क्रिप्टो माइनिंग (Cryptocurrency Mininig) कहा जाता है क्योंकि हर जानकारी का डिजिटल रूप से डेटाबेस तैयार करना पड़ता है. ये काम करने वालो को माइनर्स कहा जाता है या माइनर्स के नाम से जानत है .

इसे थोड़ा और आसान भाषा में समझने की कोशिश करते है तो क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारिक एक वर्चुअल करेंसी है जो क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित है. यह सारा काम पावरफुल कंप्यूटर्स के जरिए होता है सबसे बरी बात मै कहु तो इसके कोड को कॉपी करना लगभग न के बराबर है.

इससे आखिर लेन-देन होता कैसे है ?

जब भी क्रिप्टोकरेंसी का लेन-देन होता है तो इसकी जानकारी तुरंत ब्लॉकचेन में दर्ज की जाती है, यानी जैसा ऊपर हमने जाना उसे एक ब्लॉक में रखा जाता है. इस ब्लॉक की सिक्योरिटी और इंक्रिप्शन का काम माइनर्स का होता है. इसके लिए वे एक क्रिप्टोग्राफिक (Cryptographic) पहेली को हल कर ब्लॉक के लिए उचित Hash (एक कोड) खोजते हैं जो इसे सेफ रखता है.

हैश खोजने के बाद की प्रकिरिया – जब इसका पुख्ता hash खोजकर ब्लॉक सिक्योर कर दिया जाता है माइनर्स द्वारा तो उसके बाद उसे ब्लॉकचेन से जोड़ दिया जाता है और नेटवर्क में दूसरे नोड (Compuers) के जरिए उसे वेरिफाई किया जाता है. इस प्रक्रिया को आम सहमति (consensus) कहा जाता है.

आम सहमति के बाद की प्रकिरिया – अब यहाँ अगर consensus हो गया तो ये तय हो गया की अब ब्लॉक सिक्योर है अब ये अगर सही पाया जाता है तो उसे सिक्योर करने वाले माइनर को क्रिप्टोक्वॉइन (cryptocoin) दे दिए जाते हैं. इसे काम का सबूत माना जाता है.

कितने की तरह होती हैं ये क्रिप्टोकरेंसी ?

ये जानने में आया है की कुल 1800 से ज्यादा क्रिप्टो मुद्राएं उपलब्ध हैं. जिन्हें आप Bitcoin के अलावा भी इस्तेमाल कर सकते हैं. एथेरियम (ETH), लिटकोइन (LTC), डॉगकॉइन (Dogecoin) , रिपल (XRP) , फेयरकॉइन (FAIR), डैश (DASH), पीरकॉइन (PPC) आदि प्रमुख है.

क्रिप्टो कैसे खरीदें और बेचें जाते है ?

पहले इसे खरीदना – बेचना बहुत ही मुश्किल था लेकिन अब इतने क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म्स आ गये की अब बेचना – खरीदना आसान हो गया है , जो प्लेटफोरम है वो है WazirX, Zebpay, Coinswitch Kuber और CoinDCX जिसक द्वारा आप आसानी से Bitcoin और Dogecoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी को खरीद और बेच सकते है।

और एक बात आप जान लीजिये की ये सारे प्लेटफॉर्म चौबीसों घंटे खुले रहते हैं. क्रिप्टोकरेंसी को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया भी काफी आसान है. आपको केवल इन प्लेटफॉर्म्स पर साइन अप करना होगा. इसके बाद अपना KYC प्रोसेस पूरा कर वॉलेट में मनी ट्रांसफर करना होगा. इसके बाद आप अपना ट्रांसक्शन आसानी से कर पाएंगे.

भविष्य क्या है क्रिप्टो का ?

यहा हम बता दे की Bitcoin के बारे में दो बाते जो हम जानते है एक, ये डिजिटल यानी इंटरनेट के ज़रिए इस्तेमाल होने वाली मुद्रा है और दूसरे, इसे पारंपरिक मुद्रा के विकल्प के तौर पर देखा जाता है. और अभी की बात करे तो क्रिप्टोकरेंसी पर लोगो का भरोषा अभी काम है और सबसे से बरी बात की सरकारें भी इसे शक़ की निगाहों से देख रह है और वही इसे पारंपरिक करेंसी के लिए ख़तरा भी मान रही है.

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